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Saturday 14 September 2013

ड़ाकखाने में पड़ा एक बैरंग खत

ड़ाकखाने में पड़ा एक बैरंग खत

ड़ाकखाने में पड़ा एक बैरंग खत
डेड लेटर क्यों कहलाता है?
कभी खुशी  तो कभी गम
कितने भाव वो लाता है
पाने वाला उस पते पर नहीं रहता
तो इस में खत की क्या ग़लती है
भेजने वाला अपना पता लिखना भूल गया तो
खत की क्या यह ग़लती है?
ड़ाकखाने में पड़ा एक बैरंग खत
डेड लेटर क्यों कहलाता है?

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